ईर्ष्या और क्रोध जीवन को छोटा करते हैं। |
ईर्ष्या और क्रोध से जीवन क्षय होता है। |
चतुर मनुष्य अपना ज्ञान छिपाकर रखता है, पर मूर्ख अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करता है। |
मनुष्य अपने ह्रदय में जैसा विचारता है, वैसा ही बन जाता है| |
मरते दम तक तु अपने पसीने की रोटी खा। |
तुम ईश्वर और धन दोनों की पूजा एक साथ नहीं कर सकते। |