किये होंगे कुछ अलग से गुनाह हम सब ने; इसीलिए गंगाजल की बजाय... हाथ मदिरा से धोने पड़ रहे हैं। |
किसी से उम्मीद लगाने से बेहतर है मुल्तानी मिट्टी लगा लो! रंग भी निखर जायेगा और और दिल को भी सुकून मिलेगा! |
हमको अपनी अच्छाई पर ग़ुरूर नहीं करना चाहिये! क्योंकि किसी की कहानी में शायद हम भी ग़लत हैं! |
लॉकडाउन ख़त्म होने का इंतज़ार सिर्फ आप ही नहीं 'कोरोना' भी कर रहा है! सतर्कता रखिये और सुरक्षित रहें! |
महफूज़ सारे बादशाह वज़ीर और शहज़ादे हैं; जो बेघर हैं इस तूफ़ान में वो महज़ पयादे हैं! |
पहले कमाने जाते थे तो ठंडी रोटी मिलती थी! अब नहीं कमा रहे हैं तो गरमा गरम रोटी मिल रही है! वाह रे ईश्वर, तेरी माया! |
हाथों को साबुन से 1-2 मिनट रगड़ते समय नल को बंद रखें... आपको हाथ साफ़ करने हैं, टंकी नहीं! |
लॉकडाउन की कहानी: 25 मार्च से 14 अप्रैल - त्रेतायुग 15 अप्रैल से 3 मई - द्वापर युग 3 मई से ... - कलयुग (मंदिर बंद दारू की दुकान चालू) |
सब ठीक रहा तो इस बार 31 दिसंबर को नया साल आने की नहीं... यह साल जाने की पार्टी करेंगे! |
कुछ तो खास ही होगा इस कमबख्त शराब में, वर्ना इतनी लंबी कतार तो 'उसके' दर पे भी नहीं लगती! |