वक़्त का तकाज़ा हर फ़र्ज़ को मज़बूर करता है वरना कौन पिता अपनी चाँद सी बेटी को अपने से दूर करता है। |
गुज़र जायेगा यह दौर भी ज़रा इत्मीनान तो रख; जब तेज़ी ही नहीं ठहरी तो मंदी की क्या औकात है। |
मयखाने से पूछा आज इतना सन्नाटा क्यों है? बोला - भाई लहू का दौर है शराब कौन पीता है? |
जिस सिकंदर ने पूरे विश्व को लूटा, उसी का देश आज दिवालिया हो गया। समय बहुत बलवान है। |
दीघार्यु के लिए: खुराक आधी करें पानी दोगुना करें व्यायाम तिगुना करें और हँसना चौगुना करें। |
माँ ने रख दी आखिरी रोटी भी मेरी थाली में; मै पागल फिर भी खुदा की तलाश करता हूँ। |
ज़िन्दगी ने मेरे मर्ज़ का एक बढ़िया इलाज़ बताया, वक़्त को दवा कहा और ख्वाहिशों से परहेज़ बताया। |
एक झूठ जो हर आदमी बोलता है: "बात पैसे की नहीं है यार"! |
स्कूल का वो बस्ता मुझे फिर से थमा दे माँ; ये ज़िन्दगी का सबक मुझे बड़ा मुश्किल लगता है। |
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ हर रोज़ थका-हारा; आज तक समझ नहीं आया कि जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ। |