पहेली Hindi SMS

  • हरा आटा, लाल परांठा;<br/>
मिल-जुल कर सब सखियों ने बांटा।Upload to Facebook
    हरा आटा, लाल परांठा;
    मिल-जुल कर सब सखियों ने बांटा।
  • काँटों से निकले;<br/>
फूलों में उलझे;<br/>
नाम बतलाओ;<br/>
तो समस्या सुलझे।Upload to Facebook
    काँटों से निकले;
    फूलों में उलझे;
    नाम बतलाओ;
    तो समस्या सुलझे।
  • प्रथम कटे हाथी बन जाऊं;<br/>
मध्य कटे तो काम कहाऊं;<br/>
अंत कटे तो काग कहाऊं;<br/>
पढ़े-लिखे के काम में आऊं।Upload to Facebook
    प्रथम कटे हाथी बन जाऊं;
    मध्य कटे तो काम कहाऊं;
    अंत कटे तो काग कहाऊं;
    पढ़े-लिखे के काम में आऊं।
  • सुंदर-सुंदर ख्वाब दिखाती;<br/>
पास सभी के रात में आती;<br/>
थके मान्दे को दे आराम;<br/>
जल्द बताओ उसका नाम।Upload to Facebook
    सुंदर-सुंदर ख्वाब दिखाती;
    पास सभी के रात में आती;
    थके मान्दे को दे आराम;
    जल्द बताओ उसका नाम।
  • लंबा तन और बदन है गोल;<br/>
मीठे रहते मेरे बोल;<br/>
तन पे मेरे होते छेद;<br/>
भाषा का मैं न करूँ भेद।Upload to Facebook
    लंबा तन और बदन है गोल;
    मीठे रहते मेरे बोल;
    तन पे मेरे होते छेद;
    भाषा का मैं न करूँ भेद।
  • कर बोले कर ही सुने;<br/>
श्रवण सुने नहीं थाह;<br/>
कहें पहेली बीरबल;<br/>
बूझो अकबर शाह।Upload to Facebook
    कर बोले कर ही सुने;
    श्रवण सुने नहीं थाह;
    कहें पहेली बीरबल;
    बूझो अकबर शाह।
  • पूंछ कटे तो सीता;<br/>
सिर कटे तो मित्र;<br/>
मध्य कटे तो खोपड़ी;<br/>
पहेली बड़ी विचित्र।Upload to Facebook
    पूंछ कटे तो सीता;
    सिर कटे तो मित्र;
    मध्य कटे तो खोपड़ी;
    पहेली बड़ी विचित्र।
  • प्रथम कटे तो दर हो जाऊं;<br/>
अंत कटे तो बंद हो जाऊं;<br/>
केला मिले तो खाता जाऊं;<br/>
बताओ मैं हूँ कौन?Upload to Facebook
    प्रथम कटे तो दर हो जाऊं;
    अंत कटे तो बंद हो जाऊं;
    केला मिले तो खाता जाऊं;
    बताओ मैं हूँ कौन?
  • दो बाप और दो बेटे एक साथ सड़क पार कर रहे थे।<br/>
तो बताओ कि कितने आदमी सड़क पार कर रहे थे?Upload to Facebook
    दो बाप और दो बेटे एक साथ सड़क पार कर रहे थे।
    तो बताओ कि कितने आदमी सड़क पार कर रहे थे?
  • एक साथ आए दो भाई;<br/>
बिन उनके दूर शहनाई;<br/>
पीटो तब वह देते संगत;<br/>
फिर आए महफ़िल में रंगत।Upload to Facebook
    एक साथ आए दो भाई;
    बिन उनके दूर शहनाई;
    पीटो तब वह देते संगत;
    फिर आए महफ़िल में रंगत।
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