हरा आटा, लाल परांठा; मिल-जुल कर सब सखियों ने बांटा। |
काँटों से निकले; फूलों में उलझे; नाम बतलाओ; तो समस्या सुलझे। |
प्रथम कटे हाथी बन जाऊं; मध्य कटे तो काम कहाऊं; अंत कटे तो काग कहाऊं; पढ़े-लिखे के काम में आऊं। |
सुंदर-सुंदर ख्वाब दिखाती; पास सभी के रात में आती; थके मान्दे को दे आराम; जल्द बताओ उसका नाम। |
लंबा तन और बदन है गोल; मीठे रहते मेरे बोल; तन पे मेरे होते छेद; भाषा का मैं न करूँ भेद। |
कर बोले कर ही सुने; श्रवण सुने नहीं थाह; कहें पहेली बीरबल; बूझो अकबर शाह। |
पूंछ कटे तो सीता; सिर कटे तो मित्र; मध्य कटे तो खोपड़ी; पहेली बड़ी विचित्र। |
प्रथम कटे तो दर हो जाऊं; अंत कटे तो बंद हो जाऊं; केला मिले तो खाता जाऊं; बताओ मैं हूँ कौन? |
दो बाप और दो बेटे एक साथ सड़क पार कर रहे थे। तो बताओ कि कितने आदमी सड़क पार कर रहे थे? |
एक साथ आए दो भाई; बिन उनके दूर शहनाई; पीटो तब वह देते संगत; फिर आए महफ़िल में रंगत। |