ये राहें ले ही जाएँगी मंज़िल तक बस हौंसला रख; क्या कभी अँधेरे भी रोक पाये हैं कभी रास्ता उजाले का। |
नदी की धार के विपरीत जा कर देखिये; ज़िंदगी को कभी आज़मा कर तो देखिये; आँधियाँ खुद ब खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता; आँधियों में कभी दीपक जलाकर तो देखिये। |
असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो; क्या कमी रह गयी है, उसे देखो और सुधार करो; जब तक न हो सफल, नींद-चैन को तुम त्याग दो; संघर्ष करो आखिरी दम तक यूँ न मैदान छोड़ कर तुम भाग जाओ। |
जीवन मैं एक बार जो फैसला कर लो, तो बस आगे ही बढ़ते रहना; कभी फिर पीछे मुड़कर मत देखना; क्योंकि पलट कर देखने वाले इतिहास नहीं बनाते। |
इंसान ने वक़्त से पूछा, "मै हार क्यों जाता हूँ?" वक़्त ने कहा, "धूप हो या छाँव हो, काली रात हो या बरसात हो; चाहे कितने भी बुरे हालात हो, मै हर वक़्त चलता रहता हूँ, इसीलिये मैं जीत जाता हूँ, तू भी मेरे साथ चल तो कभी नहीं हारेगा। |
आज बादलों ने फिर साज़िश की; जहाँ मेरा था घर वहीँ बारिश की; अगर फलक को ज़िद्द है बिजलियाँ गिराने की; तो हमें भी ज़िद्द है वहीं आशियाना बनाने की। |
जब टूटने लगे हौंसले तो बस यही याद रखना; बिना मेहनत के कोई तख्तो-ताज हासिल नहीं होते; ढूंढ लेना अंधेरों में मंज़िल अपनी; क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते। |
जीवन सौंदर्य से भरपूर है, इसे देखें, महसूस करें, इसे पूरी तरह से जियें और अपने सपनों की पूर्ति के लिए पूरी तरह से कोशिश करें। |
उमीदों को तू न तोडना, न हौंसले तू अब छोड़ना; जब हो राह कठिन और रात घनी; चाहे जो हो तो न रुकना, मंज़िल से तुम मुंह न मोड़ना। |
बेहतर से बेहतर की तलाश करो; मिल जाये नदी तो समंदर की तलाश करो; टूट जाते हैं शीशे पत्थरों की चोट से; टूट जाये पत्थर ऐसे शीशे की तलाश करो। |