प्रेरणादायक Hindi SMS

  • ये राहें ले ही जाएँगी मंज़िल तक बस हौंसला रख;<br/>
क्या कभी अँधेरे भी रोक पाये हैं कभी रास्ता उजाले का।Upload to Facebook
    ये राहें ले ही जाएँगी मंज़िल तक बस हौंसला रख;
    क्या कभी अँधेरे भी रोक पाये हैं कभी रास्ता उजाले का।
  • नदी की धार के विपरीत जा कर देखिये;<br/>
ज़िंदगी को कभी आज़मा कर तो देखिये;<br/>
आँधियाँ खुद ब खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता;<br/>
आँधियों में कभी दीपक जलाकर तो देखिये।Upload to Facebook
    नदी की धार के विपरीत जा कर देखिये;
    ज़िंदगी को कभी आज़मा कर तो देखिये;
    आँधियाँ खुद ब खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता;
    आँधियों में कभी दीपक जलाकर तो देखिये।
  • असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो;<br/>
क्या कमी रह गयी है, उसे देखो और सुधार करो;<br/>
जब तक न हो सफल, नींद-चैन को तुम त्याग दो;<br/>
संघर्ष करो आखिरी दम तक यूँ न मैदान छोड़ कर तुम भाग जाओ।Upload to Facebook
    असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो;
    क्या कमी रह गयी है, उसे देखो और सुधार करो;
    जब तक न हो सफल, नींद-चैन को तुम त्याग दो;
    संघर्ष करो आखिरी दम तक यूँ न मैदान छोड़ कर तुम भाग जाओ।
  • जीवन मैं एक बार जो फैसला कर लो,<br/>
तो बस आगे ही बढ़ते रहना;<br/>
कभी फिर पीछे मुड़कर मत देखना;<br/>
क्योंकि पलट कर देखने वाले इतिहास नहीं बनाते।Upload to Facebook
    जीवन मैं एक बार जो फैसला कर लो,
    तो बस आगे ही बढ़ते रहना;
    कभी फिर पीछे मुड़कर मत देखना;
    क्योंकि पलट कर देखने वाले इतिहास नहीं बनाते।
  • इंसान ने वक़्त से पूछा, `मै हार क्यों जाता हूँ?`<br/>
वक़्त ने कहा, `धूप हो या छाँव हो, काली रात हो या बरसात हो;<br/>
चाहे कितने भी बुरे हालात हो, मै हर वक़्त चलता रहता हूँ,<br/>
इसीलिये मैं जीत जाता हूँ, तू भी मेरे साथ चल तो कभी नहीं हारेगा।Upload to Facebook
    इंसान ने वक़्त से पूछा, "मै हार क्यों जाता हूँ?"
    वक़्त ने कहा, "धूप हो या छाँव हो, काली रात हो या बरसात हो;
    चाहे कितने भी बुरे हालात हो, मै हर वक़्त चलता रहता हूँ,
    इसीलिये मैं जीत जाता हूँ, तू भी मेरे साथ चल तो कभी नहीं हारेगा।
  • आज बादलों ने फिर साज़िश की;<br/>
जहाँ मेरा था घर वहीँ बारिश की;<br/>
अगर फलक को ज़िद्द है बिजलियाँ गिराने की;<br/>
तो हमें भी ज़िद्द है वहीं आशियाना बनाने की।Upload to Facebook
    आज बादलों ने फिर साज़िश की;
    जहाँ मेरा था घर वहीँ बारिश की;
    अगर फलक को ज़िद्द है बिजलियाँ गिराने की;
    तो हमें भी ज़िद्द है वहीं आशियाना बनाने की।
  • जब टूटने लगे हौंसले तो बस यही याद रखना;
    बिना मेहनत के कोई तख्तो-ताज हासिल नहीं होते;
    ढूंढ लेना अंधेरों में मंज़िल अपनी;
    क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते।
  • जीवन सौंदर्य से भरपूर है, इसे देखें,<br/>
महसूस करें, इसे पूरी तरह से जियें<br/>
और अपने सपनों की पूर्ति के लिए पूरी तरह से कोशिश करें।Upload to Facebook
    जीवन सौंदर्य से भरपूर है, इसे देखें,
    महसूस करें, इसे पूरी तरह से जियें
    और अपने सपनों की पूर्ति के लिए पूरी तरह से कोशिश करें।
  • उमीदों को तू न तोडना, न हौंसले तू अब छोड़ना;<br/>
जब हो राह कठिन और रात घनी;<br/>
चाहे जो हो तो न रुकना, मंज़िल से तुम मुंह न मोड़ना।Upload to Facebook
    उमीदों को तू न तोडना, न हौंसले तू अब छोड़ना;
    जब हो राह कठिन और रात घनी;
    चाहे जो हो तो न रुकना, मंज़िल से तुम मुंह न मोड़ना।
  • बेहतर से बेहतर की तलाश करो;
    मिल जाये नदी तो समंदर की तलाश करो;
    टूट जाते हैं शीशे पत्थरों की चोट से;
    टूट जाये पत्थर ऐसे शीशे की तलाश करो।
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