तमाम क़ायनात में एक क़ातिल बीमारी की हवा हो गयी; वक़्त ने कैसा सितम किया कि दूरियाँ दवा हो गयी! |
समाज एक ऐसा बाजार है, जहाँ सलाह थोक में और सहयोग ब्याज पर मिलता है। |
तेरी ही आंचल में निकला बचपन, तुझ से ही तो जुड़ी हर धड़कन; कहने को तो माँ सब कहते, पर मेरे लिए तो है तू भगवान। हैप्पी मदर्स डे! |
रुके तो चांद जैसी है, चले तो हवाओं जैसी है; वह माँ ही है, जो धूप में भी छाँव जैसी है। मदर्स डे की शुभ कामनायें! |
सारे जहान में नहीं मिलता बेशुमार इतना, सुकून मिलता है माँ के प्यार में जितना; बेहद मीठा कोमल होता है, माँ के प्यार से ज्यादा कुछ नहीं अनमोल होता है! हैप्पी मदर्स डे! |
आज का ज्ञान: बहू, नारियल, दामाद और तरबूज़ अंदर से कैसे निकलेंगे कोई नहीं जानता! |
WHO ने पहले कहा था एक मास्क लगाओ, अब कह रहा दो मास्क लगाओ! अब आगे कहेगा, मुँह पर रजाई बाँध कर निकला करो! |
सोच रहा हूँ लॉकडाउन बढ़ गया तो इस बार छुट्टियाँ मनाने दूसरे कमरे में चला जाऊँगा! |
2 साल होने को आये किसी की शादी का कार्ड नहीं आया! दहीं बड़े-गुलाब जामुन का स्वाद ही भूल गया हूँ! |
पूरा परिवार हॉस्पिटल में टेस्ट करवाने चला गया क्योंकि, सुबह काम वाली खाने में नमक डालना भूल गयी थी! |