हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर; हम उसे अपनी खता कहते हैं; वो तो साँसों में बसी है मेरे; जाने क्यों लोग उसे मुझे जुदा कहते हैं। |
कुछ मीठे पल याद आते हैं; पलकों पर आँसू छोड़ जाते हैं; कल कोई और मिल जाये तो हमें न भूलना; क्योंकि कुछ रिश्ते उम्र भर काम आते हैं। |
अजीब लगती है शाम कभी-कभी; ज़िंदगी लगती है बेजान कभी-कभी; समझ आये तो हमें भी बताना; कि क्यों करती हैं यादें परेशान कभी-कभी। |
कल हो न हो आज तो है; आज हो न हो यह पल तो है; यह पल हो न हो हम तो हैं; हम हों न हों हमारी दोस्ती तो है। |
वो पलकें झुकाना, वो तेरा शर्माना; कोई तुझसे सीखे दिल को चुराना; वो लटों को अपनी उंगली से घुमाना; कोई तुझसे सीखे किसी को दीवाना बनाना। |
अभी कुछ दूरियां तो कुछ फांसले बाकी हैं; पल-पल सिमटती शाम से कुछ रौशनी बाकी है; हमें यकीन है कि कुछ ढूंढ़ता हुआ वो आयेगा ज़रूर; अभी वो हौंसले और वो उम्मीदें बाकी हैं। |
पलट के आयेगी वो, मैं इंतज़ार करता हूँ; क़सम खुदा की, उसे अब भी प्यार करता हूँ; मैं जानता हूँ कि ये सब दर्द देते हैं मगर; मैं अपनी चाहतों पे आज भी ऐतबार करता हूँ। |
काश मेरी रूह में आप इस कदर उतर जायें; मैं देखूं आईना और आपकी तस्वीर नज़र आये; जब आप हों सामने तो वक़्त ठहर जाये; और आपको देखते-देखते ये ज़िंदगी गुज़र जाये। |
इस कदर हमारी चाहत का इम्तिहान न लीजिये; क्यों हो हमसे ख़फ़ा ये बयां तो कीजिये; कर दीजिये माफ़ अगर हो गयी है मुझसे कोई खता; यूँ रूठ कर हमसे हमें सज़ा तो न दीजिये। |
याद हमें रखना, चाहे पास हम न हों; क़यामत तक चलता रहे, ये दोस्ती का सफ़र; दुआ करो रब से कि कभी क़यामत न हो। |