एक सोशल मीडिया ही है जो कहता है 'यहाँ कुछ लिखिए'! बाकी तो हर जगह बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा होता है 'यहाँ लिखना मना है!' |
इतिहास गवाह है कि 'आप बुरा मत मानना' कहने वालों ने कभी कोई अच्छी बात नहीं की है! सदा बुरा मानने वाली ही बात करते हैं! |
कोयल अपनी भाषा बोलती है, इसलिये आज़ाद रहती है, किंतु तोता दूसरे कि भाषा बोलता है, इसलिए पिंजरे में गुलाम रहता है। अपनी भाषा अपने विचार और अपने आप पर विश्वास करें! |
बस एक जीभ ही थी जिसे आलस महसूस नहीं होता था! लेकिन जब से फोन हाथ में आया है ये भी चुप-चाप बैठी रहती है! |
इंसान की बात ही अलग है! रोटी बिलकुल गोल खानी है लेकिन परांठा तिकोना चाहिए! |
क्या बेचकर खरीदूँ तुझे ऐ फुर्सत; सब कुछ तो गिरवी पड़ा है ज़िम्मेदारी के बाजार में! |
छिपकली पूरी रात कीड़े-मकौड़े खा कर सुबह भगवान की तस्वीरों के पीछे छिप जाती है! यही हाल आज-कल धर्म के ठेकेदारों का है! |
मेरी आज की मेहनत ही मेरी ज़िन्दगी को सफल बनाने का सामर्थ्य रखती है! |
साथ-साथ घूमते हैं हम दोनों रात भर; लोग मुझे आवारा और उसे चाँद कहते हैं! |
गंगा जी में वही पाप धुलते हैं जो गलती से हो जायें; योजना बना कर किये गए पाप तो यमराज के लट्ठ से ही धुलेंगे! |