खिलते फूल जैसे लबों पर हंसी हो; ना कोई गम हो ना कोई बेबसी हो; सलामत रहे ज़िंदगी का यह सफ़र; जहाँ आप रहो वहाँ बस ख़ुशी ही ख़ुशी हो। सुप्रभात! |
तेरे पैगाम के इंतज़ार में दिन गुज़ार दिया, अब रहने देना, ख्वाबों में मिल लूँगा रात में। शुभरात्रि! |
तब तक कमाओ जब तक महंगी चीज़ सस्ती ना लगने लगे; चाहे वो सम्मान हो या सामान। सुप्रभात! |
सितारों को भेजा है आपको सुलाने के लिए; चाँद आया है आपको लोरी सुनाने के लिए; सो जाओ मीठे ख़्वाबों में आप; सुबह सूरज को भेजेंगे आपको जगाने के लिए। शुभरात्रि! |
सकारात्मक सोच आपके जीवन को सही दिशा देती है। सही सोचें, सही समझें, सही दिशा मे बढें। सुप्रभात! |
दो पल की ज़िन्दगी है इसे जीने के सिर्फ दो असूल बना लो, रहो तो फूलों की तरह और बिखरो तो खुशबू की तरह। सुप्रभात! |
स्वर्ग का सपना छोड़ दो, नरक का डर छोड़ दो, कौन जाने क्या पाप, क्या पुण्य, बस किसी का दिल न दुखे अपने स्वार्थ के लिए, बाक़ी सब कुदरत पर छोड़ दो। सुप्रभात! |
हमने ज़िन्दगी बितायी आँख सिरहाने लेकर; रात दुल्हन सी आयी ख़्वाब सुहाने लेकर। शुभरात्रि! |
ज़िन्दगी तब बेहतर होती है जब हम खुश होते हैं, लेकिन यकीन करो ज़िन्दगी तब बेहतरीन हो जाती है जब हमारी वजह से सब खुश होते हैं। सुप्रभात! |
दौलत छोड़ी दुनिया छोड़ी सारा खज़ाना छोड़ दिया; सतगुरु के प्यार में दीवानों ने राज घराना छोड़ दिया; दरवाज़े पे जब लिखा हमने नाम हमारे सतगुरु का; मुसीबत ने दरवाज़े पे आना छोड़ दिया। सुप्रभात! |