देर मैंने ही लगाई पहचानने में ऐ भगवान, वरना तुमने जो दिया उसका तो कोई हिसाब ही नहीं; जैसे जैसे मैं सिर को झुकाता चला गया, वैसे वैसे तू मुझे उठाता चला गया। सुप्रभात! |
भाग्य से जितना अधिक उम्मीद करेंगे वह उतना ही निराश करेगा। कर्म में विश्वास रखें, आपको अपनी अपेक्षाओं से सदैव अधिक मिलेगा। सुप्रभात! |
रातों में करवटें बदलना, यूँ ही थोड़ा थोड़ा मुस्कुराना अच्छे सपनों का संकेत होता है। इसलिए ऐसे ही हर रात मुस्कुराते रहिये। शुभ रात्रि! |
शुरुआत करने के लिए महान होने की ज़रुरत नहीं, पर महान होने के लिए शुरुआत करनी पड़ती है। उठो.और जोश के साथ इस नए दिन की नयी शुरुआत करो। सुप्रभात! |
हर नयी सुबह का नया नया नज़ारा; ठंडी हवा लेकर आयी है पैगाम हमारा; कि खुशियों से भरा रहे आज का दिन तुम्हारा। सुप्रभात! |
गुलशन में भँवरों का फेरा हो गया, पूरब में सूरज का डेरा हो गया, खिलती मुस्कान के साथ खोलो आँखें, देखो एक बार फिर से नया सवेरा हो गया। सुप्रभात! |
सोती हुई आँखों को सलाम हमारा; मीठे सुनहरे सपनो को आदाब हमारा; दिल में रहे प्यार का एहसास सदा ज़िंदा; आज की रात का यही है पैगाम हमारा। शुभ रात्रि! |
अच्छे के साथ अच्छे रहो लेकिन बुरे के साथ बुरे नहीं बनो क्योंकि पानी से गंदगी साफ कर सकते हैं, गंदगी से गंदगी नही। सुप्रभात! |
कल का दिन किसने देखा है, तो आज का दिन भी खोये क्यों; जिन घडि़यों में हँस सकते हैं, उन घड़ियों में रोये क्यों। सुप्रभात! |
जिन्हें ख्वाब देखना अच्छा लगता है उन्हें रात छोटी लगती है; और जिन्हें ख्वाब पूरे करना अच्छा लगता है उन्हें दिन छोटा लगता है। सुप्रभात! |