ऐ सूरज मेरे अपनों को यह पैगाम देना; खुशियों का दिन हँसी की शाम देना; जब कोई पढे प्यार से मेरे इस पैगाम को; तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना। सुप्रभात! |
जब तुम पैदा हुए थे तो तुम रोए थे जबकि पूरी दुनिया ने जश्न मनाया था। अपना जीवन ऐसे जियो कि तुम्हारी मौत पर पूरी दुनिया रोए और तुम जश्न मनाओ। सुप्रभात! |
समस्याएं इतनी ताक़तवर नहीं हो सकती जितना हम इन्हें मान लेते हैं। ऐसा कभी नहीं हुआ कि अंधेरों ने सुबह ही ना होने दी हो। चाहे कितनी भी गहरी काली रात हो उसके बाद सुबह होनी ही है। सुप्रभात! |
तेरे बिना कैसे गुज़रेंगी ये रातें, तन्हाई का गम कैसे सहेंगी ये रातें, बहुत लम्बी हैं घड़ियाँ इंतज़ार की, करवट बदल-बदल कर कटेंगी ये रातें। शुभरात्रि! |
माला की तारीफ़ तो सब करते हैं, क्योंकि मोती सबको दिखाई देते हैं लेकिन तारीफ़ के काबिल तो धागा है जिसने सब को जोड़ रखा है। इसलिए केवल मोती ही ना बनें वो धागा भी बनें जो सब को जोड़े। सुप्रभात! |
ज़िन्दगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेकर आती है और ज़िन्दगी की हर शाम कुछ तजुर्बे देकर जाती है। शुभरात्रि! |
एक छोटा शब्द है... पढ़ें तो 'सेकंड' लगेगा सोचें तो 'मिनट' लगेगा समझें तो 'दिन' लगेगा और साबित करने में पूरी ज़िन्दगी लग जाती है। वो है 'विश्वास'। इसलिए कभी इसे टूटने मत दीजिये। सुप्रभात! |
सुबह की प्यारी रौनक तो देखो, इन आँखों में बसी उनकी तस्वीर तो देखो, हम ने आपको प्यारा सा सन्देश भेजा है सुप्रभात का, एक बार उठ कर इसे प्यार से तो देखो। सुप्रभात! |
बेझिझक मुस्कुराएँ जो भी गम है, ज़िन्दगी में टेंशन किसको कम हैं, अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है, ज़िन्दगी का नाम ही कभी ख़ुशी कभी गम है। सुप्रभात! |
सफलता भी फीकी लगती है यदि कोई बधाई देने वाला नहीं हो और विफलता भी सुंदर लगती है जब आपके साथ कोई अपना खड़ा हो। सुप्रभात! |