काली अँधेरी रात के बाद सुबह है आई; उठकर देखो सुबह का नज़ारा, सूर्य की रौशनी से सारी दुनिया है जगमगाई; क्या हुआ अगर कल गम में बीता, आज की सुबह नयी उमीदें है ले कर आई। सुप्रभात! |
ज़िंदगी की हर सुबह कुछ शर्तें लेकर आती है और ज़िंदगी की हर शाम कुछ तज़ुर्बे देकर जाती है। सुप्रभात! |
सुबह सुबह ज़िन्दगी की शुरुआत होती है; किसी अपने से बात हो तो खास होती है; हँस के प्यार से अपनों को सुप्रभात बोलो तो; खुशियाँ अपने आप साथ होती हैं। आप का दिन शुभ हो! |
नया दिन नयी सुबह करिये नयी शुरुआत, जागो उठो खोलो पलकें हो गया प्रभात! आपका दिन मंगलमय हो! |
खूबसूरत तस्वीरें नैगेटिव से तैयार होती हैं वो भी अँधेरे में, इसलिए जब भी आपके जीवन में अन्धकार नज़र आये तो समझ लीजिये कि ईश्वर आपके भविष्य की सुंदर सी तस्वीर का निर्माण कर रहा है। सुप्रभात! |
कागज अपनी किस्मत से उड़ता है, लेकिन पतंग अपनी काबिलियत से। इसलिए किस्मत साथ दे या न दे, काबिलियत जरुर साथ देती है। सुप्रभात! |
हर सूर्यास्त हमारे जीवन से एक दिन कम कर देता है, लेकिन हर सूर्योदय हमें आशा भरा एक और दिन दे देता है। इसलिए सदैव हर सुबह बेहतर की उम्मीद करें। सुप्रभात! |
झील सी गहरी नींद आपको आये, चाँद सा मुखड़ा गुरु जी का सपनो में आये, जब नींद से उठ के सुबह आप मुस्कुराये, तो सारी खुशियाँ आपकी झोली में समां जायें। शुभरात्रि! |
नन्हीं कली खिल चुकी है, बगिया में तितली गुनगुना रही है, तू आँख खोल तुझे सुबह जगा रही है, ख्वाबों की वो गलियाँ सोने जा रही हैं कह दे अब चंदा को अलविदा, सुबह तेरे लिए खुशियों का मल्हार गा रही है। सुप्रभात! |
हर पल कैद कर इन आँखों में रात की ख़ामोशी का इंतज़ार था हमें; जैसे ही जाये ये दिन का उजाला, रात की गहराई में इस सुकून का इंतज़ार था हमें। शुभ रात्रि! |