कोयल की कुहू कुहू में हैं जो मिठास, नदिया के जल में भी है खनकती आवाज, ऐसा ही सुरीला होगा आपका आज, दिल से कहते हैं आपको सुप्रभात! |
स्वभाव रखना है तो उस दीपक की तरह रखो जो बादशाह के महल में भी उतनी रोशनी देता है जितनी किसी गरीब की झोपड़ी में। सुप्रभात! |
सुबह का मौसम और सतगुरु की याद, हलकी सी ठडंक और सिमरन की प्यास, संगत की सेवा और नाम की मिठास, शुरू कीजिए अपना दिन प्रभु के साथ। सुप्रभात! |
प्रसन्न व्यक्ति वह है जो निरंतर स्वयं का मूल्यांकन एवं सुधार करता है। जबकि दुःखी व्यक्ति वह है जो दूसरों का मूल्यांकन करता है। सुपरभात! |
खाओ, पिओ, खुश रहो, शादी की सालगिरह आई है; कितनी खूबसूरत से तुम दोनों ने, अपनी हसीन दुनिया बनाई है। शादी की सालगिराह मुबारक हो। |
एक सुबह ऐसी भी हो, जहाँ आँखे जिंदा रहने के लिये नहीं, पर जिंदगी जीने के लिए खुलें। सुप्रभात! |
हो चुकी रात बहुत अब सो भी जाइये, जो है दिल के करीब उसके ख्यालों में खो भी जाइये, कर रहा होगा कोई इंतज़ार आपका, ख्वाबों में ही सही मिल तो आइये। शुभ रात्रि! |
भगवान आपको ढेर सारा प्याज़ और खूब सारी खुशियाँ दे। सुप्रभात! |
सुबह का मौसम जैसे जन्नत का एहसास, आँखों में नींद और चाय की तलाश, जागने की मज़बूरी, थोड़ा और सोने की आस, पर आपका दिन शुभ हो हमारी सुप्रभात के साथ। सुप्रभात! |
चाँद को बिठाकर पहरे पर; तारों को दिया निगरानी का काम; आई है यह रात सुहानी लेकर आपके लिए; एक सुनहरा सपना आपकी आँखों के नाम। शुभ रात्रि! |