हर रिश्ते में विश्वास रहने दो; जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो; यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का; न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो। शुभ रात्रि! |
नयी सुबह का नया नज़ारा; ठंडी हवा ले कर आई पैगाम हमारा; यही दुआ है अब भगवान से हमारी कि; खुशियों से भरा रहे हमेशा जीवन तुम्हारा। सुप्रभात! |
हर रास्ता एक सफर चाहता है; हर मुसाफिर एक हमसफ़र चाहता है; जैसे चाहती है चांदनी चाँद को; कोई है जो आपको इस कदर चाहता है। शुभ रात्रि! |
कौन जाने कब मौत का पैगाम आ जाये; ज़िंदगी की आखिरी शाम आ जाये; रहते हैं हम सदा इसी इंतज़ार में; कि शायद कभी आपका भी सलाम आ जाये। सुप्रभात! |
ये तेरी मोहब्बत का असर लगता है; दरिया भी मुझको समंदर लगता है; एहसास ही बहुत है तेरे होना का; मेरा घर दुआओं से भरा लगता है। सालगिरह मुबारक! |
दूर रहते हैं मगर दिल से दुआ करते हैं हम; प्यार का फ़र्ज़ घर बैठे अदा करते हैं हम; आपकी याद सदा साथ रखते हैं हम; दिन हो या रात आपको ही याद करते हैं हम। शुभ रात्रि! |
जीवन में छोटी-छोटी चीज़ों का आनंद लीजिये, क्योंकि एक दिन जब आप पीछे मुड़ कर देखेंगे तो यह छोटी-छोटी चीज़ें भी आपको बड़ी लगेंगी। सुप्रभात! |
दोस्ती के वादों को यूँ ही निभाते रहेंगे; हम हर वक़्त आपको यूँ ही सताते रहेंगे; मर भी जायेंगे तो क्या ग़म है; हम आंसू बन कर आपकी आँखों में आते रहेंगे। शुभ रात्रि! |
ज़िंदगी जीने का मकसद ख़ास होना चाहिए; और अपने आप में हमेशा विश्वास होना चाहिए; जीवन में खुशियों की कमी नहीं है दोस्तो; बस खुशियों को मनाने का अंदाज़ होना चाहिए। सुप्रभात! |
एक दुआ मांगते हैं हम अपने रब से; चाहते हैं हो खुशियां आपके हर कदम में; सब हसरतें हो जायें पूरी आपकी; आप सदा रहें दूर जीवन के हर गम से। जन्मदिन मुबारक! |