ये दुआ है तेरी ज़िंदगी संवर जाये; हर नज़र में बस प्यार नज़र आये; तू जिस ख़ुशी की तलाश में है; खुदा करे वो खुद तेरी तलाश में चली आये। शुभ रात्रि! |
मोहब्बत के फूल तेरे नाम करते हैं; तेरी मुस्कुराहटों को सलाम करते हैं; बन जाये तेरी ज़िंदगी खुशियों का घर; ये दुआ हम तुम्हारे लिए सुबह-शाम करते हैं। सुप्रभात! |
जब शाम के बाद आ जाती है रात; हर बात में फिर समा जाती है तेरी याद; बहुत तनहा हो जाती ये जिंदगी मेरी; अगर नहीं मिलता कभी जो आपका साथ। शुभ रात्रि! |
किसी के पैग़ाम को ज़रा प्यार से पढ़ा कीजिये; किसी की चाहत का कुछ तो एहसास किया कीजिये; कोई दिल से कर रहा है याद आपको; और आप कहते हैं कि परेशान मत किया कीजिये। सुप्रभात! |
लगता है ऐसा कि कुछ होने वाला है; कोई मीठे सपनो में खोने वाला है; धीमी कर दे अपनी रौशनी ऐ चाँद; मेरा दोस्त अब सोने वाला है। शुभ रात्रि! |
सुबह का उजाला सदा आपके साथ हो; हर दिन का एक-एक पल आपके लिए ख़ास हो; दुआ हमेशा निकलती है दिल से आपके लिए; सारी खुशियों का खज़ाना आपके पास हो। सुप्रभात! |
खुद में हम कुछ इस तरह खो जाते हैं; बीती हुई यादों को लेकर रोये जाते हैं; नींद तो आती नहीं है अब रातों में; मगर देख सकें तुमको ख्वाबों में इसलिए सो जाते हैं। शुभ रात्रि! |
हँसना और हँसाना कोशिश है मेरी; हर कोई खुश रहे यह चाहत है मेरी; भले ही कोई मुझे याद करे या ना करे; हर अपने को याद करना आदत है मेरी। सुप्रभात! |
चाहे धरती घूमना भूल जाये; सूरज निकलना भूल जाये; पंछी उड़ना भूल जाये; ये दिल धड़कना भूल जाये; पर मेरे दोस्त इस शुभ दिन को मैं कभी नहीं भूलूंगा; जन्मदिन मुबारक मेरे दोस्त। |
ये दुआ है तेरी ज़िंदगी संवर जाये; हर नज़र मैं बस प्यार नज़र आये; तुझे जिस ख़ुशी की तलाश है; खुदा करे वो ख़ुशी खुद तेरी तलाश में चली आये। शुभ रात्रि! |