उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको; खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको; हम तो कुछ भी देने के काबिल नहीं; देनेवाला हज़ार खुशियां दे आपको। सुप्रभात! |
जब आपका नाम ज़ुबान पर आता है; पता नही दिल क्यों मुस्कुराता है; होती है तसल्ली यह सोच कर हमारे दिल को; कि चलो कोई तो है अपना जो हर वक़्त याद आता है। शुभ रात्रि! |
जी भर के चाहूँ अगर तुझे गवारा हो; बेताब मेरी नज़रें और सामने चेहरा तुम्हारा हो; उठ कर सुबह जब खोलूं आँखें; तो आँखों के सामने हसींन ये नज़ारा हो। सुप्रभात! |
दिल में, होंठों पे एक दुआ रहती है; हर घडी मुझे आप की परवाह रहती है; खुदा हर ख़ुशी बख्शे आपको; हर दुआ में एहि गुज़ारिश रहती है। शुभ रात्रि! |
सुकून हो तुम्हारे दिल में इस तरह; फूलों में होती है खुश्बू जिस तरह; खुदा तेरी ज़िंदगी में इतनी खुशियां; धरती पे होती है बारिश जिस तरह। सुप्रभात! |
सुगन्धित हो जीवन तुम्हारा; तारों की चमक सा रौशन हो जीवन तुम्हारा; शुभ दिन ये आये आपके जीवन में हज़ार बार; और हम आपको जन्मदिन मुबारक कहते रहें हर बार। जन्मदिन मुबारक |
हम कभी अपनों से ख़फ़ा हो नहीं सकते; दोस्ती के रिश्ते बेवफ़ा हो नहीं सकते; आप भले हमें भुला के सो जाओ; हम आपको याद किये बिना सो नहीं सकते। शुभ रात्रि! |
हो आपकी ज़िन्दगी में खुशियों का मेला; कभी न आये कोई भी झमेला; सदा सुखी रहे आपका बसेरा; मुबारक हो आपको यह नया सवेरा। सुप्रभात! |
जब भी इस दिल को आपकी याद आती है; इस दिल ने सच्ची ख़ुशी मिल जाती है; डर लगता है कि कहीं छूट न जाये आपका ये साथ; इस लिए रब से आपको पाने की दुआ मांगी है। शुभ रात्रि! |
हर फूल मुबारक़ हो तुम को; हर बहार मुबारक़ हो तुम को; शायद कल हम रहें या न रहें; पर दुआ है कि हर दिन मुबारक़ हो तुम को। सुप्रभात! |