सोती हुई आँखों को सलाम हमारा; मीठे सुनहरे सपनों को आदाब हमारा; दिल में रहे प्यार का एहसास सदा ज़िंदा; आज की रात का यही पैग़ाम हमारा। शुभ रात्रि! |
कभी सोचते हैं एक गुलाब भेज दें; कभी चाहते हैं पूरा बाग़ भेज दें; जा रहे हो अगर आप सोने को तो दिल करता है; आपकी पलकों में प्यारा सा ख्वाब भेज दें। शुभ रात्रि! |
मौत का बेरहम इतिहास बदल सकते हो; पुण्य में पाप का विश्वास बदल सकते हो; अपनी बाहों पर भरोसा अगर कर लो तो; यह तो धरती तो क्या, तुम आकाश बदल सकते हो। शुभ सप्ताहांत। |
ये राहें ले ही जाएंगी मंज़िल तक, हौंसला रख; कभी सुना है कि अँधेरे ने सवेरा होने न दिया हो। सुप्रभात! |
आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं; हर वक़्त आपको ही याद करती हैं; जब तक ना कह दें शुभ रात्रि आपको जालिम; सोने से भी इंकार करती हैं। शुभ रात्रि! |
फूलों की वादी में हो बसेरा आपका; सितारों के आँगन में हो घर आपका; दुआ है एक दोस्त की यही कि; सारे जहां से खूबसूरत हो सवेरा आपका। सुप्रभात! |
याद आती है तो ज़रा खो जाते हैं; आंसू आँखों में उतर आएं तो ज़रा रो लेते हैं; नींद तो नहीं आती आँखों में लेकिन; वो ख़्वाबों में आएंगे यही सोच कर सो लेते हैं। शुभ रात्रि! |
खिलते फूलों की रिदा हो जाए; हर तरफ़ प्यार भरी फ़िज़ा हो जाए; मांगते ही हाथ पर खुशियां रख दे; इतना मेहरबान तुझ पर मेरा खुदा हो जाए। जन्म दिन मुबारक हो! |
सुबह-सुबह एक पैगाम देना है; आपको सुबह का पहला सलाम देना है; गुज़रे सारा दिन आपका ख़ुशी में; आपकी सुबह को खूबसूरत सा नाम देना है। सुप्रभात! |
मुझे भूल कर सोना, तेरी आदत ही बन गई है; ऐ दोस्त; किसी दिन हम छोड़ कर चले गए तो सारी ज़िंदगी नींद नहीं आएगी। शुभ रात्रि! |