Wishes Hindi SMS

  • ताज़ी हवा में फूलों की महक हो;<br/>
पहली किरण में चिड़ियों की चहक हो;<br/>
जब भी खोलो आप अपनी पलकें,<br/>
उन पलकों में बस खुशियों की झलक हो।<br/>
सुप्रभात!Upload to Facebook
    ताज़ी हवा में फूलों की महक हो;
    पहली किरण में चिड़ियों की चहक हो;
    जब भी खोलो आप अपनी पलकें,
    उन पलकों में बस खुशियों की झलक हो।
    सुप्रभात!
  • रात हो चुकी है, ठंडी हवा चल रही है;<br/>
याद में आपको किसी की मुस्कान खिल रही है;<br/>
उनके सपनों की दुनिया में आप खो जाओ;<br/>
आँखें करो बंद और आराम से सो जाओ।<br/>
शुभ रात्रि!Upload to Facebook
    रात हो चुकी है, ठंडी हवा चल रही है;
    याद में आपको किसी की मुस्कान खिल रही है;
    उनके सपनों की दुनिया में आप खो जाओ;
    आँखें करो बंद और आराम से सो जाओ।
    शुभ रात्रि!
  • यह ज़िन्दगी बस सिर्फ पल दो पल है;<br/>
जिसमें न तो आज और न ही कल है;<br/>
जी लो इस ज़िंदगी का हर पल इस तरह;<br/>
जैसे बस यही ज़िन्दगी का सबसे हसीं पल है।<br/>
शुभ दिन!Upload to Facebook
    यह ज़िन्दगी बस सिर्फ पल दो पल है;
    जिसमें न तो आज और न ही कल है;
    जी लो इस ज़िंदगी का हर पल इस तरह;
    जैसे बस यही ज़िन्दगी का सबसे हसीं पल है।
    शुभ दिन!
  • सूरज तू उनको मेरा पैगाम देना;<br/>
ख़ुशी का दिन और हंसी की सुबह देना;<br/>
जब वो देखें तुझे बाहर आकर;<br/>
तो उनको मेरा सुप्रभात कहना।Upload to Facebook
    सूरज तू उनको मेरा पैगाम देना;
    ख़ुशी का दिन और हंसी की सुबह देना;
    जब वो देखें तुझे बाहर आकर;
    तो उनको मेरा सुप्रभात कहना।
  • गहरी थी रात लेकिन हम खोए नहीं;<br/>
दर्द बहुत था दिल में, पर हम रोए नहीं;<br/>
कोई नहीं हमारा जो पूछे हमसे;<br/>
जाग रहे हो किसी के लिए, या किसी के लिए सोए नहीं।<br/>
शुभ रात्रि!Upload to Facebook
    गहरी थी रात लेकिन हम खोए नहीं;
    दर्द बहुत था दिल में, पर हम रोए नहीं;
    कोई नहीं हमारा जो पूछे हमसे;
    जाग रहे हो किसी के लिए, या किसी के लिए सोए नहीं।
    शुभ रात्रि!
  • हर सुबह निकल पड़ता है जो खुद की तलाश में;<br/>
वो खोई हुई सी एक पहचान हूँ मैं;<br/>
ना आँखों में ख्वाब है ना दिल में तमन्ना कोई;<br/>
अपनी बनाई हुई राहों से ही अनजान हूँ मैं।<br/>
सुप्रभात!Upload to Facebook
    हर सुबह निकल पड़ता है जो खुद की तलाश में;
    वो खोई हुई सी एक पहचान हूँ मैं;
    ना आँखों में ख्वाब है ना दिल में तमन्ना कोई;
    अपनी बनाई हुई राहों से ही अनजान हूँ मैं।
    सुप्रभात!
  • रुक कर हवा ने हमसे तेरे घर का पता पूछा;<br/>
हमने पूछा क्यों उस घर में ऐसा क्या है;<br/>
उसने कहा चाँद है जो जुल्फों में घिरा है;<br/>
देखने को उसका चेहरा सारा जहां खड़ा है।<br/>
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    रुक कर हवा ने हमसे तेरे घर का पता पूछा;
    हमने पूछा क्यों उस घर में ऐसा क्या है;
    उसने कहा चाँद है जो जुल्फों में घिरा है;
    देखने को उसका चेहरा सारा जहां खड़ा है।
    शुभ रात्रि!
  • चाँद जब निकलता है तो तेरा गुमां होता है;
    इस कदर दिल फरेब समय होता है;
    हम तेरी याद में खोए रहते हैं;
    नींद में जब सारा जहां होता है।
    शुभ रात्रि!
  • मौसम की बहार अच्छी हो;<br/>
फूलों की कलियाँ कच्ची हों;<br/>
हमारे ये रिश्ते सच्चे हों;<br/>
ऐ रब तेरे से बस एक दुआ है;<br/>
कि मेरे यार की हर सुबह अच्छी हो।<br/>
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    मौसम की बहार अच्छी हो;
    फूलों की कलियाँ कच्ची हों;
    हमारे ये रिश्ते सच्चे हों;
    ऐ रब तेरे से बस एक दुआ है;
    कि मेरे यार की हर सुबह अच्छी हो।
    सुप्रभात!
  • उजाला काफी हो चुका है;<br/>
उस शमा को बुझा दो;<br/>
एक हसीं सुबह राह देख रही है आपकी;<br/>
बस पलकों को हलके से उठा दो।<br/>
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    उजाला काफी हो चुका है;
    उस शमा को बुझा दो;
    एक हसीं सुबह राह देख रही है आपकी;
    बस पलकों को हलके से उठा दो।
    सुप्रभात!
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