हाईकोर्ट का जज!

एक बार एक हाईकोर्ट के जज की कार देर रात शहर से बहुत दूर ख़राब हो गई वह जज पास ही एक फॉर्म हाऊस देखकर वहां कुछ मदद मिलेगी इस आशा से गया!

वहां एक सुंदर औरत रहती थी उस औरत ने कहा कि वह वहां अकेली रहती है इसलिए उसे गैराज खुलने का सुबह तक इंतजार करना पड़ेगा! तो ठीक है, इस हालात में मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि मुझे यहां रातभर रहने के लिए स्थान दें, उस जज ने कहा!

लेकिन सर मैं यहां अकेली हूं उस स्त्री ने कहा डरने की कोई बात नही आखिर मैं हाईकोर्ट का जज हूँ, उस जज ने कहा!

लेकिन सर यहां सिर्फ एक ही बेडरुम है उस स्त्री ने कहा!

डरने की कोई बात नही आखिर मैं हाईकोर्ट का जज हूँ, उस जज ने कहा!

वे दोनों बेडरुम की तरफ गए और उस स्त्री ने कहा, लेकिन सर यहां तो सिर्फ एक ही बेड है डरने की कोई बात नही आखिर मैं हाईकोर्ट का जज हूँ उस जज ने कहा!

इसलिए वे रात को एक ही बेड पर एक दूसरे की तरफ पीठ कर एक ही बेड पर सो गए!

सुबह जागने के बाद जब जज ने उस स्त्री के साथ फॉर्म हाऊस के परिसर में एक चक्कर लगाया एक जगह उसे मुर्गों का एक काफिला दिखा लेकिन नजदीक जाकर देखने के बाद जज के ख्याल में आया कि उस काफिले में सिर्फ 20 मुर्गीयां है और लगभग 60 मुर्गे है, उसे वह थोड़ा अटपटा सा लगा इसलिए उसने उस स्री से पूछा 60 मुर्गे और सिर्फ 20 मुर्गियां थोड़ा अटपटा नही लगता!

इसमें अटपटा क्या है इन 60 मुर्गों में सिर्फ 10 मुर्गे ही काम के है और बाकि 50 जज ने पूछा?

बाकि 50 हाईकोर्ट के जज है, उस स्त्री ने जवाब दिया!