चूतिया शब्द का आविष्कार

कलुआ को एक दुर्लभ बीमारी थी। जिसका डाक्टरों के पास कोई इलाज नहीं था लेकिन एक हक़ीम ने बताया कि अगर कोई स्त्री एक महीने तक उसे अपना दूध पिलाये तो शर्तिया वो ठीक हो जायेगा।

ये बात जब बिरादरी को पता चली तो उसकी जान बचाने की खातिर उन्होंने मोहल्ले की एक ऐसी महिला को उस पुण्य के काम के लिये तैयार किया!

युवक दूध पीने महिला के घर पहुँच गया।

पांच मिनट दूध पीने का सिलसिला लगातार चला तो एकाएक महिला उत्तेजित भाव से कलुआ के कान में फुसफुसाई, "कुछ और चाहिये क्या?"

बेचारा शरीफ था भावनाओं को समझा नहीं और बोला: एकाध बिस्कुट हो तो दे दो और इस तरह चूतिया शब्द का आविष्कार हुआ।