बेटी की पसंद!

एक बहुत सीधी और ईमानदार लड़की एक दिन बाजार जा रही थी!

जब वह घर से निकलने लगी तो उसकी माँ ने उसे कुछ सलाह देते हुए कहा, बेटी जब तुम बाजार पहुँचोगी तो अगर तुम्हें वहां कोई अपने मेल का लड़का मिले और वह तुम्हें पसंद हो तो पहले मेरी बताई गयी बातों पर गौर करना!

उसकी माँ ने कहा एक तो वह वफादार हो, दूसरा मितव्ययी हो और तीसरा कुंवारा हो?

अपनी माँ की बातें सुनकर वह लड़की बाजार चली गयी और थोड़ी देर में घर लौट आयी!

कुछ महीनों के बाद उसने अपनी माँ से कहा कि वह उसे आशीर्वाद दें वह शादी करने वाली है!

उसकी माँ ने कहा मैं तुम्हारी पसंद के लड़के से मिलना चाहती हूँ देखूं तो सही क्या वह मेरी शर्तों पर खरा उतरता है या नही!

लड़की ने कहा माँ वह बहुत वफादार है, जब हम एक दिन छुट्टियों में बाहर गए थे, तो वह लड़का मेरे साथ ही था वह मेरी बहुत चिंता करता है चाहे उसके आसपास कितनी ही लड़कियां क्यों न हो?

उसकी माँ ने कहा मुझे तो नही लगता की वह वफादार भी है!

उसके बाद लड़की बोली तब उसी दिन शाम को बारिश होने लगी थी उस लड़के ने कहा कि हम होटल में ठहरते है!

लड़के ने कहा कि अगर हम दो कमरे लेते है तो हमें ज्यादा पैसे देने पड़ेंगें इसलिए हम एक ही कमरा लेते हैं और साथ में रहते है!

लड़की ने कहा 'है न माँ वो मितव्ययी' उसकी माँ ने दूसरी बार उसकी बात पर सिर हिलाया!

और माँ तीसरी बात कि वह कुंवारा है या नही तो मैं कह सकती हूँ कि वह अभी बिल्कुल कुंवारा है!

उसकी माँ ने पूछा तुम कैसे कह सकती हो कि वह अभी कुंवारा है? बोलो बोलो!

लड़की ने कहा माँ उसका वह (गुप्तांग) बिल्कुल नया और सख्त था, जोकि अभी तक प्लास्टिक में लिपटा हुआ था!