ग़ालिब की शायराना डकैती!
मिर्ज़ा ग़ालिब गरीबी से तंग आकर डाकू बन गए और डकैती करने एक बैंक गए और कहा, " अर्ज़ किया है"।
तक़दीर में जो है वही मिलेगा,
हैंड्स-अप मादरचोदों कोई अपनी जगह से नहीं हिलेगा...
फिर कैशियर से कहा,
कुछ ख्वाब मेरी आँखों से निकाल दे,
जो कुछ भी है भोंसड़ी के, जल्दी से इस बैग में डाल दे...
बहुत कोशिश करता हूँ उसकी याद भुलाने की,
तुम्हारी माँ का भोंसडा, कोई कोशिश न करना पुलिस बुलाने की...
भुला दे मुझको क्या जाता है तेरा,
मैं माँ चोद दूंगा उसकी, जो किसी ने पीछा किया मेरा...