फेरों का फेर!

एक पंडित शादी के फेरे करवा रहा था, वो थोड़े से मंतर पढ़ता और दुल्हन के बाप से फटाफट पैसे मांग लेता।

लड़की का बाप पैसे देते-देते परेशान हो गया तो उसने मन ही मन में पंडित को सबक सिखाने की सोचने लगा।

पंडित ने फिर से कोई मंतर पढ़ा और बोला, "51 रुपये निकालिये"।

लड़की के बाप ने धीरे से अपना लंड निकला और बोला, "लो' पंडित जी।"

पंडित भी एक नंबर का हरामी था, उसने टेढ़ी नजर से उसे देखा और बोला, "यजमान कन्या के हाथ में दे दीजिये।"