गणपत राय, एक बिहारी जिसे नौकरी की बहुत जरुरत होती है नौकरी के लिए कर्नल स्मिथ के पास जाता है।
कर्नल स्मिथ: हाँ, तो गांड फट रहा है (गणपत राय)।
बिहारी: नहीं साहब, ज्यादा नहीं।
कर्नल स्मिथ: क्या ज्यादा नहीं बोलता, तुम्हारा अर्जी (एप्लीकेशन) में लिखा है गांड फट रहा है।
बिहारी: ठीक है माई बाप, लिखा है तो फट रहा होगा।
कर्नल स्मिथ: तुम डेली मराता है?(तुम दिल्ली में रहता है)।
बिहारी: नहीं साहब, कभी कभी।
कर्नल स्मिथ: गांड फट रहा है, इधर आओ, क्या 'कभी कभी' बोलता है तुम्हारा अर्जी (एप्लीकेशन) में लिखा हुआ है की तुम डेली मराता है।
बिहारी: ठीक है माई बाप, लिखा है तो मराता होगा।
उसने उस बिहारी को काम पर रख लिया और कहा जो भी काम तुम्हें करने को कहा जाये मना नहीं करना समझे गांड फट रहाय।
बिहारी: जी मालिक।
कर्नल स्मिथ: आज तुम को 3 काम करने का हाई।
बिहारी: हुकुम सरकार।
कर्नल स्मिथ: तुम पहला हमारी बेटी को चोदेगा (छोड़ेगा) बाद में हमारी बीवी को चोदेगा (छोड़ेगा) और उसके बाद में हम को चोदेगा (छोड़ेगा)।
बिहारी: माफ़ करना सरकार बीवी और बेटी तो ठीक है लेकिन मैं आप को नहीं चोद सकता।
कर्नल स्मिथ: गांड फट रहा है तुम को हम को चोदना (छोड़ना) पड़ेगा।
बिहारी: नहीं सरकार, ऐसा जुलुम ना करे।
कर्नल स्मिथ: गांड फट रहा है, अगर तुम हम को नहीं चोद (छोड़) सकता तो हम तुमको नौकरी से निकाल देंगा।
बिहारी: ठीक है सरकार, जो हुकुम।
कर्नल की बीवी: गांड फट रहा है, इधर आओ।
बिहारी: जी मालकिन।
बीवी: गांड फट रहा है, हम्मारे पीछे से गांड मारो (गाँठ मारो ब्रा में)।
बिहारी: यह क्या कह रही है, मालकिन?
बीवी: गांड फट रहा , जल्दी से गांड मारो (गांठ मारो), हम को लेट होता है।
बिहारी: नहीं नही, मालकिन अगर मैंने ऐसा किया तो हम को सरकार कच्चा खा जायेंगे।
बीवी: गांड फट रहा, अगर तुमने जल्दी से हमारी गांड (गांठ) नहीं मारी तो हम तुमको कच्चा खा जायेंगी।
बिहारी: ठीक है मालकिन, जो हुकुम।
गणपत राय बहुत दिनों से उनके जुल्म से दुखी था वो पीछे गया और और मालकिन की चुदाई कर दी।
बीवी: गांड फट रहा है (गणपत राय) गांड फट रहा है, गांड फट रहा है।
गणपत राय: मैंने तो पहले ही कहा था अब तो गांड फटेगी ही।