बातों पे ना जाओ अपनी अक्ल लगाओ! बुरा न सोचो होली है!

कृपया होली वाले दिन इनका वही मतलब निकालना जो बचपन में समझते थे;
मैं गीली हो गयी हूँ

और कहीं भी डालो बस मुंह पे मत डालना

कपड़े मत फाड़ो, मैं डलवा रही हूँ न

अच्छा बाबा लो डाल लो

एक-एक करके डालो यार

तेल लगा कर आना नहीं तो जायेगा नहीं

यार मेरे गुब्बारे में छेद है

मेरे गुब्बारे मत छेड़ो

तुम मेरी पिचकारी पकड़ो मैं तुम्हारे गुब्बारों में हवा भरता हूँ

तुम्हारी पिचकारी किसी काम की नहीं