एक बार एक कुत्ता जंगल में रास्ता खो गया। थोड़ा आगे गया तो सामने से शेर आ गया। कुत्ता बहुत डर गया। उसने आस-पास देखा और फिर कुछ सोचने के बाद पास में पड़ी हुई सूखी हड्डियां चबाने लगा और बोला, "वाह! आज तो शेर का शिकार करके मज़ा आ गया पर साला पेट नहीं भरा, एक और मिल जाए तो मज़ा आ जाए।"
शेर ने सोचा यह बहुत ख़तरनाक कुत्ता है और वो वहाँ से भाग गया।
ऊपर पेड़ पर बंदर बैठा हुआ था। उसने यह सब देखा और सोचा कि अभी कुत्ते की गांड मरवाता हुँ। जो यह इतना स्याना बन रहा है।
वो वहाँ से शेर के पीछे भागा सच बताने के लिए। उसने शेर को बताया कि कुत्ते ने कैसे उसको चुतिया बनाया।
शेर बोला, "चल अभी उस साले की गांड मारता फाड़ता हुँ।"
दोनो कुत्ते के पास आने के लिए चल पड़े। उन्हे अपनी और आता देखकर कुत्ता फिर से हड्डी चबाने लगा और बोला, "साले उस मादरचोद बंदर को भेजे कितना समय हो गया। अभी तक एक शेर को फँसा के नहीं ला सका।"
यह सुन कर शेर बोला, "साले, बहन के लौडे बंदर, तू मेरी गांड मरवाना चाहता था।"
शेर ने उस बंदर को खा लिया और वहाँ से भाग गया।
कहानी का सार: उड़ता तीर अपनी गांड में लोगे, तो गांड तुम्हारी ही फटेगी।