एक बार संता को एक चिराग मिला। संता ने जब उस चिराग को रगड़ा तो अंदर से एक जिन प्रकट हो गया।
जिन: कहो मेरे आका, तुम क्या चाहते हो?
संता: तुम मेरी 100 माँगे पूरी कर दो।
जिन: माफ़ करना, पर मैं सिर्फ 3 माँगे ही पूरी कर सकता हूँ।
संता: पर इस समय तुम मेरे ग़ुलाम हो तो तुम्हें मेरी 100 माँगे पूरी करनी होगी।
जिन को संता की यह बात सुन कर गुस्सा आ गया और बोला, "मैं सिर्फ 3 माँगे पूरी करूँगा। अगर मंज़ूर है तो ठीक नहीं तो मैं चला।"
संता ने कुछ सोचा और कहा, "ठीक है। मेरी सबसे पहली माँग यह है कि तुम अपने हाथ में एक डंडा ले लो।"
जिन ने हवा में हाथ घुमाया और हाथ में डंडा पकड़ लिया।
संता: अब यह डंडा अपनी गांड में ले लो।
जिन ने यह सुनकर थोड़ा घबरा गया पर उसने फिर वो डंडा अपनी गांड में ले लिया।
संता: अब साले बता इस डंडे को बड़ा करने की मांग पूरी करेगा या मेरी 100 माँगे पूरी करेगा?"