क्यों मुश्किलों में साथ देते हैं, दोस्त;
क्यों ग़म को बाँट लेते हैं दोस्त;
ना रिश्ता ख़ून से ना रिवाज़ से बंधा;
फ़िर भी ज़िंदगी भर साथ देते हैं, दोस्त।
तेरी दोस्ती हम इस तरह निभाएँगे;
तुम रोज़ खफा होना हम रोज़ मनाएँगे;
पर तुम मान जाना मनाने से;
वरना ये भीगी पलकें ले के हम कहाँ जाएँगे।
दोस्ती इम्तिहान नहीं विश्वास मांगती है,
नज़र और कुछ नहीं, दोस्त का दीदार मांगती है,
जिन्दगी अपने लिए कुछ भी नहीं,
पर आपके लिए दुआएं हज़ार मांगती है।
एक ऐसा वक़्त था जब दोस्त बोलते थे: "चलो मिलकर कोई प्लॉन(Plan) बनाते हैं।"
और अब बोलते हैं: "चलो मिलने का कोई प्लॉन(Plan) बनाते हैं।"
एक अच्छा दोस्त एक मेडिसिन की तरह होता है;
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लेकिन एक पूरा ग्रुप, मेडीकल स्टोर की तरह होता है।
जो भी मिला वो हम से खफा मिला;
देखो दोस्ती का क्या सिला मिला;
उम्र भर रही फ़क़त वफ़ा की तलाश;
पर हर शख्स मुझको बेवफ़ा मिला।
दुआ करते हैं हम सर झुका के;
आप अपनी मंज़िल को पाएं, मेरे दोस्त;
अगर आपकी राहों में कभी अँधेरा आये;
तो रौशनी के लिए ख़ुदा हमको जलाए!
हर वक़्त तुम्हें मेरी याद सताएगी;
दुःख के वक़्त मेरी दोस्ती ही याद आएगी;
तब जानोगे हमारी दोस्ती की कदर;
जब हमारी ज़िंदगी से सांसे ही रूठ जाएंगी।
महक दोस्ती की इश्क़ से कम नहीं होती;
इश्क़ पर ज़िंदगी खत्म नहीं होती;
साथ अगर हो ज़िंदगी में अच्छे दोस्तों का;
तो ज़िंदगी ज़न्नत से कम नहीं होती।
बहुत दिनों से मैं भूला हुआ था दोस्तों को;
आज फ़िल्म "कमीने" देखी तो सब याद आ गए।