
मत करो प्यार किसी से फूलों की तरह;
फूल तो पल में मुरझा जाते हैं;
प्यार करो तो काँटों की तरह;
जो चुभने के बाद भी याद आते हैं।

फ़िज़ा पर असर हवाओं का होता है;
मोहब्बत पर असर अदाओं का होता है;
कोई ऐसे ही किसी का दीवाना नहीं होता;
कुछ कसूर तो निगाहों का होता है।

बात इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे;
अब बात इतनी बढ़ गई है कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता।
वक़्त और प्यार ज़िंदगी में बहुत ख़ास होते हैं।
लेकिन वक़्त किसी का नहीं होता;
और प्यार हर किसी से नहीं होता।

प्यार को पंछी समझ के प्यार करो;
और उस पंछी को पिंजरे से आज़ाद कर के देखो;
अगर लौट के आए तो अपना है;
अगर ना आए तो सोचना कभी अपना था ही नही।

ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया;
जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया;
यूँ तो हर बात शाम उम्मीदों में गुज़र जाती है;
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया।

बड़ी आसानी से दिल लगाए जाते हैं;
पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं;
ले जाती है मोहब्बत उन राहों पर;
जहाँ दीये नहीं दिल जलाए जाते हैं।

प्यार किसी को करोगे रुस्वाई ही मिलेगी;
वफ़ा कर लो चाहे जितनी, बेवफाई ही मिलेगी;
जितना मर्जी किसी को अपना बना लो;
जब आँख खुलेगी तन्हाई ही मिलेगी।

ऐ ख़ुदा! तु कभी इश्क़ न करना बेमौत मारा जाएगा;
हम तो मर कर भी तेरे पास आते हैं पर तू कहाँ जाएगा।
जब किसी की सच्ची मोहब्बत मालूम करनी हो, तो उसके गुस्से में अपने लिए अलफ़ाज़ और जज़्बात देखो!