आजा अभी सर्दी का मौसम नहीं गुजरा;
पहाड़ों पर अभी भी बर्फ जमी है;
सब कुछ तो है मेरे पास;
सिर्फ एक तेरी कमी है।
रोती हुई आँखो मे इंतज़ार होता है;
ना चाहते हुए भी प्यार होता है;
क्यों देखते हैं हम वो सपने;
जिनके टूटने पर भी उनके सच होने का इंतज़र होता है!
बस तेरी यादों से ही है तारीफ मेरी;
वर्ना ये सारा जहान तो मुझे अजनबी सा लगता है!
बता नराज है, कोई सख्श तेरे जाने से;
हो सके तो तु लौट आ, किसी बहाने से;
तु लाख खफा सही मगर एक बार तो देख;
कोई टूट गया है, तेरे दूर जाने से!
कोशिश कीजिये हमें याद करने की;
लम्हें तो अपने आप ही, मिल जायेंगे;
तमन्ना कीजिये हमें मिलने की;
बहाने तो अपने आप ही, मिल जायेंगे!
दूर ही सही मगर तुझसे प्यार तो है;
तेरे ईन्कार के बाद भी इंतज़ार तो है!
अगर आसान होता भूलना, तो भूल जाते;
पर आज भी ये दिल बेक़रार तो है!
तेरे इन्तजार में हुई सुबह से शाम;
तेरी चाहत में हुआ ये दिल बे-लगाम;
तुझे पाने की आरजू मेरी जल्द हो पूरी;
कि होंठों पे आता है सिर्फ तेरा ही नाम!
एक मुस्कान तू मुझे एक बार दे दे;
ख्वाब में ही सही, एक दीदार दे दे!
बस एक बार कर ले तू आने का वादा;
फिर उम्र भर का चाहे इंतज़ार दे दे!
मेरी नज़रों में जो खुमार है उसका ही है;
मेरे तस्सवुर में जो हिसार है उसका ही है;
वो मेरे पास आये, साथ चले रहे न रहे;
मुझे तो बस अब इंतज़ार उसका ही है!
मिट्टी मेरी कब्र से चुरा के जा रहा है कोई;
मर कर भी बहुत याद आ रहा है कोई;
ए खुदा एक पल की ज़िन्दगी और दे दे मुझे;
उदास मेरी कब्र से होकर जा रहा है कोई!