कुछ रिश्तों में इंसान अच्छा लगता है और कुछ इंसानों से रिश्ता अच्छा लगता है।
मशहूर होना लेकिन कभी मगरूर मत होना;
छू लो कदम कामयाबी के लेकिन अपनों से कभी दूर मत होना;
ज़िन्दगी में खूब मिल जाएगी दौलत और शौहरत मगर;
अपने ही आखिर अपने होते हैं यह बात कभी भूल ना जाना।
बिना विश्वास का रिश्ता बिना नेटवर्क के मोबाइल जैसा है क्योंकि बिना नेटवर्क वाले मोबाइल के साथ लोग सिर्फ "Game" ही खेलते हैं।
अपने रिश्तों को बारिश की तरह न बनाये, जो आये और चली जाये;
बल्कि रिश्ते ऐसे बनाये जो हवा की तरह हमेशा आपके अंग संग रहें।
पानी से तस्वीर कहाँ बनती है;
ख्वाबों से तकदीर कहाँ बनती है;
किसी भी रिश्ते को सच्चे दिल से निभाओ;
क्योंकि ये ज़िन्दगी फिर वापस कहाँ मिलती है।
करीब इतना रहो कि सब रिश्तों में प्यार रहे;
दूर भी इतना रहो कि आने का इंतज़ार रहे;
रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियान इतनी;
कि टूट जाये उम्मीद मगर रिश्ते बरक़रार रहें।
अकसर वही रिश्ता लाजवाब होता है,
जो ज़माने से नहीं ज़ज़्बातों से जन्मा होता है।
जो कोई समझ न सके वो बात हैं हम;
जो ढल के नयी सुबह लाये वो रात हैं हम;
छोड़ देते हैं लोग रिश्ते बनाकर;
जो कभी न छूटे वो साथ हैं हम।
रिश्ते काँच की तरह होते हैं;
टूट जाएं तो चुभते हैं;
इन्हे संभालकर हथेली पर सजाना;
क्योंकि इन्हें टूटने मे एक पल;
और बनाने मे बरसो लग जाते हैँ।
खामोश चेहरे पर हज़ारों पहरे होते हैं;
हँसती आँखों में भी ज़ख़्म गहरे होते हैं;
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम;
असल में उनसे ही तो रिश्ते और गहरे होते हैं।