खूबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है;
जाने कब कौन ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है;
कुछ लोग ज़िंदगी में मिलते हैं ऐसे;
जिनसे कभी ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता है।
हर रिश्ते में मिलावट देखी;
कच्चे रंगों की सजावट देखी;
लेकिन सालों साल देखा है माँ को;
उसके चेहरे पे ना थकावट देखी;
ना ममता में कभी मिलावट देखी।
रिश्ते इलेक्ट्रिक करंट की तरह होते हैं, गलत जुड़ जायें तो ज़िन्दगी भर झटके देते हैं,
और अगर सही जुड़ जायें तो आपका पूरा जीवन प्रकाशमान कर देते हैं।
रिश्ते वो होते हैं, जिसमे शब्द कम और समझ ज्यादा हो;
जिसमे तकरार कम और प्यार ज्यादा हो;
जिसमे आशा कम और विश्वास ज्यादा हो।
मशहूर होना पर कभी मगरूर न होना;
कामयाबी के नशे में कभी चूर न होना;
अगर मिल भी जाये सारी कायनात आपको;
अपनों से फिर भी कभी दूर न होना।
छोटी सी बात पे लोग रूठ जाते हैं;
हाथ उनसे अनजाने में छूट जाते हैं;
कहते हैं बड़ा नाज़ुक है अपनेपन का रिश्ता;
इसमें हँसते-हँसते भी दिल टूट जाते हैं।
करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे;
दूर भी इतना रहो कि आने का इंतज़ार रहे;
रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियान इतनी;
कि टूट जाये उम्मीद मगर रिश्ते बरक़रार रहें।
कुछ रिश्ते अनजाने में बन जाते हैं;
पहले दिल से फिर ज़िंदगी से जुड़ जाते हैं;
क्या कहते हैं उस दौर को;
जिसमे अनजाने न जाने कब अपने बन जाते हैं।
लोग रिश्ते बना कर यूँ तोड़ जाते हैं;
बेवजह हमसे यूँ ही रूठ जाते हैं;
मिलने पर राह में अजनबी कहते हैं;
लगता है शायद यही दुनिया का दस्तूर कहलाता है।
जो कोई समझ न सके वो बात हैं हम;
जो ढल के नयी सुबह लाये वो रात हैं हम;
छोड़ देते हैं लोग रिश्ते बनाकर;
जो कभी न छूटे वो साथ हैं हम।