एक दिन हमारे आँसू हमसे पूछ बैठे;
हमें रोज़-रोज़ क्यों बुलाते हो;
हमने कहा हम याद तो उन्हें करते हैं;
तुम क्यों चले आते हो।
दो कदम तो सब साथ चलते हैं;
पर ज़िंदगी भर का साथ कोई नहीं निभाता;
अगर रो कर भुलाई जाती यादें;
तो हँस कर कोई गम नहीं छुपाता।

बूँद-बूँद से है सागर की गहराई;
इसकी हर बूँद है मुझ में समाई;
कोई मांगे तो एक बूँद ना दे सकेंगे;
क्योंकि हर बूँद में है आपकी याद समाई।

यूँ ही मुड़कर ना देखा होगा उन्होंने;
अभी कुछ चाहत तो बाकी होगी;
भले ही जी रहे होंगे कितने सुकून से वो;
तड़पने के लिए हमारी बस एक याद ही काफी होगी।

कुछ लोग जिंदगी मे इस कदर शामिल हो जाते हैं;
अगर भूलना चाहो तो और याद आते हैं;
बस जाते हैं वो दिल में इस कदर;
कि आंखे बंद करो तो सामने नजर आते हैं।

तुम मुझे भूल कर तो देखो;
हर ख़ुशी रूठ जाएगी;
जब अकेले तुम बैठोगे;
खुद-ब-खुद मेरी याद आएगी।

ख़ूबियाँ इतनी तो नहीं है हम में;
कि हम आपको हर पल याद आयेंगे;
पर इतना ऐतबार है हमें खुद पर;
कि आप कभी हमें भूल ना पायेंगे।

भुला ना सकोगे मुझे भूल कर तुम;
मैं अक्सर तुम्हें याद आता रहूँगा;
कभी ख़्वाब बन कर कभी याद बन कर;
मैं नींद तुम्हारी चुराता रहूँगा।

आँखें बंद करके रोता हूँ तो लगता है तुझे मैं रोया नहीं;
सदियों तक जागा हूँ मैं तेरे इंतज़ार में सोया नहीं;
प्यार में पाया क्या है यह मुझे मालूम नहीं है;
पर तेरे सिवा ज़िंदगी में मैंने कुछ खोया नहीं।

आप हमें रुला दो हमें गम नहीं;
आप हमें भुला दो हमें कोई गम नहीं;
जिस दिन हमने आपको भुला दिया;
समझ लेना इस दुनियाँ में हम नहीं।