
याद में तेरी आँहें भरता है कोई;
हर साँस के साथ तुझे याद करता है कोई;
मौत तो सच्चाई है आनी है;
लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज मरता है कोई!

यह सफ़र दोस्ती का कभी ख़त्म न होगा;
दोस्तों से प्यार कभी कम न होगा;
दूर रहकर भी जब रहेगी महक इसकी;
हमें कभी बिछड़ने का ग़म न होगा!

याद में तेरी आँखें भरता है कोई;
हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई;
मौत एक ऐसी चीज़ है जिसको आना ही है;
लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज़ मरता है कोई।
जिंदगी मोहताज़ नहीं मंजिलो की;
वक़्त हर मंजिल दिखा देता है;
मरता नहीं कोई किसी से जुदा होकर;
वक़्त सबको जीना सिखा देता है।

सर्द रातों को सताती है जुदाई तेरी;
आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी;
जब भी चलती हैं हवाएं;
बहुत परेशान करती है यह तन्हाई मेरी।

दिल तो करता है जिंदगी को किसी क़ातिल के हवाले कर दूँ, अये यारो;
जुदाई में यूँ रोज़ रोज़ मरना मुझे अच्छा नहीं लगता!
हमने तो ऊमर गुज़ार दी तन्हाई में;
सह लिए सित्तम तेरी जुदाई में;
अब तो यह फ़रियाद है खुदा से;
कोई और ना तड़पे, तेरी बेवाफ़ाई में!
फूल खिलतें हैं, खिलकर बिछड़ जाते हैं;
फूल खिलतें हैं, खिलकर बिछड़ जाते हैं;
यादें तो दिल में रहती हैं, दोस्त ही मिलकर बिछड़ जाते हैं!

मंजिल ढूंढ़ते ढूंढ़ते आज मुझे एहसास हुआ;
कि मेरे 'हमसफ़र' की राह तो कबकी बदल गयी!

खुदा किसी को किसी पर फ़िदा न करे;
करे तो क़यामत तक जुदा न करे;
यह माना कि कोई मरता नहीं जुदाई में;
लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाई में!