दोस्ती खुशियां दोगुनी कर देती है और दुःख आधे।
मित्र वह होता है जब वह उस समय साथ निभाता है जब सारी दुनिया साथ छोड़ जाती है।
दोस्ती की मिठास में हास्य और खुशियों का बांटना होना चाहिए। क्योंकि छोटी -छोटी चीजों की ओस में दिल अपनी सुबह खोज लेता है और तरोताज़ा हो जाता है।
मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती।
सच्चे मित्र के सामने दुःख आधा और ख़ुशी दोगुनी महसूस होती है।
कभी भी अपने से कम या ज्यादा हैसियत वालों से दोस्ती मत करो, ऐसी दोस्ती कभी आपको ख़ुशी नहीं देगी।
अपने दोस्त के लिए जान दे देना इतना मुश्किल नहीं है जितना मुश्किल ऐसे दोस्त को ढूँढ़ना जिस पर जान दी जा सके।
वो मित्र जिन्हें आप सुबह चार बजे फोन कर सकते हैं मायने रखते है।
दोस्त और शिष्टाचार आपको वहां ले जायेंगे जहाँ धन नहीं ले जा पायेगा।
एक सच्चा मित्र वह है जो आपकी असफलताओं को नज़र अंदाज़ करता है और आपकी सफलताओं को बर्दाश्त।