क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।
बुरे व्यक्ति पर क्रोध करने से पूर्व अपने पर ही क्रोध करना चाहिए।
क्रोध मस्तिष्क के दीपक को बुझा देता है। अतः हमें सदैव शांत व स्थिरचित्त रहना चाहिए।
ईर्ष्या और क्रोध से जीवन क्षय होता है।
क्रोध एक प्रकार का क्षणिक पागलपन है।
जब क्रोध आए तो उसके परिणाम पर विचार करो।