हंसी के बिना बिताया हुआ दिन बर्वाद किया हुआ दिन है।
आपका खुश रहना ही आपके दुश्मनों के लिए सबसे बढ़ी सजा है।
प्रसन्नता बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर नहीं करती, वो हमारे मानसिक दृष्टिकोण से संचालित होती है!
यदि आप दूसरों को प्रसन्न देखना चाहते हैं तो करुणा का भाव रखें! यदि आप स्वयम प्रसन्न रहना चाहते हैं तो भी करुणा का भाव रखें!
जब आप एक मिनट के लिए गुस्से में रहते हैं, आप मन की शांति के साठ सेकंड छोड़ देते हैं।
हँसी भगवान की दवा है!
वह ज़न्नत का हक़दार है जो अपने साथियों को हंसाता है!
वहां से यहाँ तक, यहाँ से वहां तक, हर जगह मजाकिया चीजें मौजूद हैं!
जैसे साबुन शरीर के लिए है, वैसे हँसी आत्मा के लिए है!
एक हलकी सी मुस्कुराहट होंठों से शुरू होती है, एक अच्छी मुस्कान आँखों तक जाती है, एक हँसी पेट से निकलती है लेकिन एक ठहाका आत्मा से फूटता है, ऊपर से बहता है और चारों ओर अपने बुलबुले छोड़ता है!