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आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है।

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मनुष्य सबसे क्रूर जानवर है।

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वो जो आपको दुखी बनाता है केवल वही पाप है। वो जो आपको खुद से दूर ले जाता है केवल उसी से बचने की ज़रूरत है।

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हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है।

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अपने गुरु में पूर्ण रूप से विश्वास करें। यही साधना है।

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ईस्लाम के लिए सबसे ज़्यादा कुर्बानी बकरों ने दी है।

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मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।

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अपने दिल को आफत में मत डालो। ईश्वर में भरोसा रखो। मुझमे भी भरोसा रखो।

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तुम्हे अन्दर से बाहर की तरफ विकसित होना है। कोई तुम्हे पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हे आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के आलावा कोई और गुरु नहीं है।

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मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।