सिर्फ 99 प्रतिशत पुलिस वालों की वजह से बाकी 1 प्रतिशत भी बदनाम हैं।
हमारे ज़माने में तरबूज़ इस तरह खरीदा जाता था जैसे आज कल शादी होती है- सिर्फ सूरत देखकर।
कुछ लोग इतने मज़हबी होते है कि जूता पसंद करने के लिए भी मस्ज़िद का रुख़ करते हैं।
वो ज़हर दे के मारती तो दुनिया की नज़र में आ जाती, अंदाज़-ए-क़त्ल तो देखो - हमसे शादी कर ली।
आदमी एक बार प्रोफ़ेसर हो जाए तो ज़िन्दगी भर प्रोफेसर ही रहता है, चाहे बाद में वह समझदारी की बातें ही क्यों न करने लगे।
मर्द की आँख और औरत की ज़ुबाँ का दम सब से आख़िर में निकलता है।
हास्य टॉनिक है, राहत है, दर्द रोकने वाला है।
भगवान एक कॉमेडियन हैं जो ऐसे दर्शकों के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं जो इतने डरे हुए हैं कि हँस नहीं सकते!
यहाँ तक की देवताओं को भी चुटकुले पसंद हैं!
जैसे ही आपने कुछ सोचा, उसके ऊपर हंसिये!