
वास्तविकता मेरे जीवन को बर्बाद करते जा रही है।

सपनों के चक्कर में जीना भूल जाना अच्छा नहीं है।

एक घर बनाने के लिए एक योजना की आवश्यकता होती है। ज़िन्दगी बनाने के लिए यह और भी ज़रूरी हो जाता है कि हमारे पास एक योजना हो, एक लक्ष्य हो।

चीजें बदलती हैं और दोस्त चले जाते हैं! ज़िन्दगी किसी के लिए रूकती नहीं।

सब कुछ जान लिया गया है सिवाय इसके कि जियें कैसे।

दुनिया में जितनी लानतें हैं, भूख उनकी माँ है।

अनुकूल बनें या नष्ट हो जाएं, अब या कभी भी, यही प्रकृति कि निष्ठुर अनिवार्यता है।

यदि आप ये पढ़ रहे हैं तो बधाई हो, आप जीवित हैं। अगर मुस्कुराने के लिए ये एक कारण नहीं है तो मुझे पता नहीं क्या है।

काश आप अपनी ज़िन्दगी के सारे दिन जी पायें!

ज़िन्दगी एक ना ठीक होने वाली बीमारी है!