हर चीज़ में ख़ूबसूरती होती है पर हर कोई इसे देख नहीं पाता।
मूर्ख दूसरों पर हंसते हैं। बुद्धि खुद पर हँसती है।
अगर ज्ञान का उद्देश्य धार्मिक नहीं है तो यह एक बुराई बन जाता है।
हम जानकारी में डूब रहे हैं लेकिन ज्ञान के भूखे हैं।
जिसने कभी आज्ञा का पालन करना नहीं सीखा वो कभी अच्छा कमांडर नहीं बन सकता।

हम किसी के दबाव से अनुशासन नहीं सीख सकते।

ज्ञान की शक्ति उसके उपयोग में है, विश्राम में नहीं।
इस विश्व में ज्ञान के समान पवित्र और कुछ नहीं है।

सुन्दर वही हो सकता है जो कल्याणकारी हो।
आप किसी चीज़ का पूर्ण ज्ञान हासिल करना चाहते हैं तो इसे दूसरों को सिखाने लगिए।