उस ज्ञान का कोई लाभ नहीं जिसे आप काम में नहीं लेते।

ज्ञानी वह है, जो वर्तमान को ठीक प्रकार समझे और परिस्थिति के अनुसार आचरण करे।

हिंदू संस्कृति आध्यात्मिकता की अमर आधारशिला पर आधारित है।

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अनुशासन का पालन तभी संभव है, जब मनुष्य का उस काम में अनुराग हो जिसमें वह लगा हुआ है। इसके बिना तो अनुशासन अनुकरण-मात्र होगा।

अनुशासन परिष्कार की अग्नि है, जिससे प्रतिभा योग्यता बन जाती है।

भय से ही दुःख आते हैं, भय से ही मृत्यु होती है और भय से ही बुराइयाँ उत्पन्न होती हैं।

निराश हुए बिना पराजय को सह लेना, पृथ्वी पर साहस की सबसे बड़ी मिसाल है।

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मानव के सभी गुणों में साहस पहला गुण है, क्योंकि यह सभी गुणों की जिम्मेदारी लेता है।

शुभ विचार करना अच्छी बात है, और उससे भी अच्छी बात है उसे अमल में लाना।

ज्ञानी वह है, जो वर्तमान को ठीक प्रकार समझे और परिस्थिति के अनुसार आचरण करे।

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