तुम से बिछड़ कर ज़िंदा हैं; जान बहुत शर्मिंदा हैं!
इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की; आज पहली बार उस से मैंने बेवफ़ाई की!
आज एक और बरस बीत गया उस के बग़ैर;
जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे!
उस ने मंज़िल पे ला के छोड़ दिया;
उम्र भर जिस का रास्ता देखा!
घूम रहा हूँ तेरे ख़्यालों में;
तुझ को आवाज़ उम्र भर दी है!
मैं हूँ दिल है तन्हाई है;
तुम भी होते अच्छा होता!
अभी राह में कई मोड़ है कोई आएगा कोई जाएगा;
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो!
जिन्हें हम देख कर जीते थे 'नासिर';
वो लोग आँखों से ओझल हो गए हैं!
उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ;
अब क्या कहें ये क़िस्सा भी पुराना बहुत हुआ!
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा;
यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो!