लाल, हरा, नीला,पीला, फागुन के रंग हैं हज़ार;
इन सब रंगों को लेकर हम आये हैं आपके द्वार;
रंग-बिरंगी खुशियाँ लेकर देखो आया है होली का त्यौहार।
होली मुबारक!
पिचकारी की धार, गुलाल की बौछार;
अपनों का प्यार, यही है होली का त्यौहार।
होली की आप सब को शुभ कामनायें!
फ़ागुन का महीना, वो मस्ती के गीत;
रंगों का मेल, वो नटखट सा खेल;
दिल से निकलती है ये प्यारी सी बोली;
मुबारक हो आप सब को ये रंग भरी होली!
होली मुबारक!
होती है मुझ पर रोज तेरी रहमतों के रंगों की बारिश,
मैं कैसे कह दूँ मेरे मालिक, होली साल में एक बार आती है!
सभी को होली की शुभ कामनायें!
राधा का रंग और कन्हैया की पिचकारी;
प्यार के रंग से रंग दो दुनिया सारी;
ये रंग न जाने कोई जात न कोई बोली;
इसलिए कहते हैं मुबारक हो सबको होली।
होली की शुभ कामनायें!
होली आने वाली है, रंगों से ना डरें;
रंग बदलने वालों से डरें!
होली आने वाली है और इस बार किसी ने पानी की बचत पर ज्ञान दिया तो ठीक नहीं होगा।
मैं वही पानी इस्तेमाल करूँगा जो मैंने ठंड में नहीं नहाके बचाया था।
अच्छा हुआ जो गुजर गया फरवरी,
ये अंग्रेजी मोहब्बत का महीना था साहब;
राधा कृष्ण का प्रेम तो अब परवान चढ़ेगा,
रसिया पर फागुन का रंग जब चढ़ेगा।
होली मुबारक!
ये रंगो का त्यौहार आया है,
साथ अपने खुशियाँ लाया है,
हमसे पहले कोई रंग न दे आपको,
इसलिए हमने शुभकामनाओं का रंग, सबसे पहले भिजवाया है।
होली मुबारक!
राधा का रंग और कान्हा की पिचकारी,
प्यार के रंग से रंग दो दुनिया सारी,
ये रंग न जाने कोई जात न कोई बोली,
मुबारक हो आपको रंग भरी होली।