रंग-बिरंगी उड़ी पतंगे आसमान में दौड़ लगातीं,
लड़ती-भिड़ती हैं आपस में कट कर धरती पर आ जातीं,
भाग रहे लेने को बालक पतंग गिरे जितनी भी बार,
ढेरों खुशियाँ लेकर आया जीवन में मकर संक्रांति का ये त्यौहार!
मकर संक्रांति की शुभकामनायें!
आओ हम सब मकर संक्रांति मनायें,
तिल की लड्डू सब मिलकर खायें।
घर में हम सब खुशियाँ फैलायें,
पतंगे हम खूब उड़ायें।
मकर संक्रांति की शुभकामनायें!
तन में मस्ती, मन में उमंग, देकर सबको अपनापन,
गुड़ में जैसे मीठापन, होकर साथ हम उड़ाए पतंग,
भर दें आकाश में अपने रंग!
सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनायें!
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी,
टूटे ना कभी डोर विश्वास की,
छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी,
जैसे पतंग छूती है ऊँचाइयाँ आसमान की।
मकर सक्रांति की हार्दिक शुभ कामनायें!
मकर संक्रांति पर अपनी पत्नी की फोटो पतंग पर चिपकाइये और घंटों पत्नी को अपनी ऊँगली पर नचाइये!
ऑफर केवल मकर संक्रांति तक सीमित!
पतंग कितने फ़ीट तक उड़ानी है मिलौड?
मकर संक्रांति आ रही है, आखिरी समय में नाटक पसंद नहीं!
दिल में तरंग और सभी से अपनापन;
ज़िंदगी में गुड जैसा मीठापन!
आओ होकर साथ हम उड़ायें पतंग;
और भर दे चारों ओर खुशियों के रंग।
मकर सक्रांति की हार्दिक शुभ कामनायें!
पल-पल सुनहरे फूल खिलें, कभी ना हो काँटो का सामना;
ज़िंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे, आपके लिए हमेशा यही है शुभकामना।
मकर सक्रांति की शुभ कामनायें!
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी;
टूटे ना कभी डोर विश्वास की;
छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी;
जैसे पतंग छूती है ऊँचाइयाँ आसमान की।
मकर सक्रांति की हार्दिक शुभ कामनायें!