किसी को अपना शत्रु मत बनाओ क्योंकि सौ मित्रों के होते हुए भी वह आपको हानि पहुंचा सकता है। |
हम अक्सर ज़िंदगी में अपने बहुमूल्य रिश्तों को अपने झूठे अभिमान की आग में जलाकर नष्ट कर देते हैं। |
मनुष्य की आत्मा उसके भाग्य से अधिक बड़ी होती है। |
इंसान के सभी दुख और परेशानियों का मूल कारण सिर्फ और सिर्फ उसका अज्ञानी होना है। |
मनुष्य की आत्मा उसके भाग्य से अधिक बड़ी होती है। |
जब हम परमात्मा के साथ मिल कर एक हो जाते है, तो हमे उसकी बनाई छोटी चीज भी चमत्कार लगती है। |