Jawad Sheikh Hindi Shayari

  • मैं अब किसी की भी उम्मीद तोड़ सकता हूँ;</br>
मुझे किसी पे भी अब कोई ऐतबार नहीं!Upload to Facebook
    मैं अब किसी की भी उम्मीद तोड़ सकता हूँ;
    मुझे किसी पे भी अब कोई ऐतबार नहीं!
    ~ Jawad Sheikh