राष्ट्रीय स्तर की व्यापक समस्याएँ नैतिक दृष्टि धूमिल होने और निकृष्टता की मात्रा बढ़ जाने के कारण ही उत्पन्न होती है। |
राष्ट्रोत्कर्ष हेतु संत समाज का योगदान अपेक्षित है। |
हमें अपनी जिम्मेदारी खुद उठानी चाहिए और लोगों को भी उनकी जिम्मेदारी उठाने के लिए समझाना चाहिए। |
देश को वास्तविक स्वतंत्रता आज़ादी के 64 साल बाद भी नहीं मिली और केवल एक बदलाव आया गोरों की जगह काले आ गए। |
मैं चिंतित हूँ कि कुछ असंवेदनशील लोगों द्वारा शासित इस देश का क्या होगा, लेकिन हम उन्हें जनशक्ति द्वारा बदल सकते है। |
वही लूट, वही भ्रष्टाचार , वही उपद्रवता अभी भी मौजूद है। |
मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्त्वाकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ, पर मैं ज़रुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ, और वही सच्चा बलिदान है। |
स्वतंत्रता के लिए लाखों लोगों ने अपना जीवन बलिदान कर दिया लेकिन कुछ स्वार्थी लोगों के कारण हमें सही स्वतंत्रता नहीं मिली। |
अगर एक व्यक्ति भी विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमे अविश्वास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी। |
एक देश को प्रेम करना शानदार बात है, लेकिन हमें सीमाओं से प्रेम करना बंद कर देना चाहिए। |